रविवार, 24 जुलाई 2022

गधों का फैसला

जब एक इंसान ने 

दूसरे इंसान को गधा कहा 

तो एक गधे से 

ये सहा न गया 

गधा नाराज हो बोला

बेशक हम खोता है

पर अपुन फैंकता नहीं

बल्कि कुछ न कुछ ढोता है

इंसानी फितरत को 

एक मासूम गधे पे मढ़ते हो

पक्का तुम सब इंसान 

हम गधों से जलते हो

तुम सब हम गधों का

गिराना चाहते हो हौसला

तो गधा बिरादरी भी 

करती है ये फैसला

अबकी बार किसी गधे से

कोई भूल हुई तो हम

ये नेक काम करेंगे

उस गधे को डांटेंगे-फटकारेंगें

दो-चार दुलत्ती मारेंगे

फिर उसे बेइज्जत कर

बेवकूफ इंसान कहेंगे।

* चित्र गूगल से साभार

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