शुक्रवार, 16 जुलाई 2021

बाल कविता : दादी का चश्मा

दादी ने अपनी खातिर

नया एक चश्मा बनवाया 

दादी की प्यारी पोती को

वो चश्मा बहुत ही भाया

दादी ने ज्यों ही रखा चश्मा

पोती ने झट से उसे उठाया

दादी जैसी ही बनने को 

फट से उसे आँखों पे लगाया।

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